Shodashi - An Overview
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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या
This classification highlights her benevolent and nurturing factors, contrasting Together with the fierce and gentle-intense natured goddesses inside the team.
चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा
दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।
॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥
She would be the 1 getting Extraordinary splendor and possessing power of delighting the senses. Remarkable intellectual and emotional admiration during the three worlds of Akash, Patal and Dharti.
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः
या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते
The Tripurasundari temple in Tripura condition, locally known as Matabari temple, was to start with Launched by Maharaja Dhanya Manikya in 1501, although it was likely a spiritual pilgrimage internet site For numerous hundreds of years prior. This peetham of energy was initially intended to be a temple for Lord Vishnu, but as a consequence of a revelation which the maharaja experienced within a dream, He commissioned and mounted Mata Tripurasundari in its chamber.
Goddess also has the title of Adi Mahavidya, which implies the complete Model of truth. In Vedic mantras, she is referred to as the Goddess who sparkles with the beautiful and pure rays of your sun.
The noose symbolizes attachments, While the goad represents contempt, more info the sugarcane bow reveals needs, and also the flowery arrows symbolize the 5 feeling organs.
भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥